मणिपुर विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण का मतदान शांतिपूर्वक चल रहा है। एक बजे तक 47 प्रतिशत से अधिक वोट डाले गए। इस चरण में दस जिलों की 22 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। इनमें 11 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। इन जिलों में थौबल, काकचिंग, जिरीबाम, चंदेल, तेंगनौपाल, कामजोंग, उखरूल, सेनापति, तामंगलोंगे औ नोनी शामिल हैं। दो महिलाओं सहित 92 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। वांगखेम सीट में सबसे अधिक आठ उम्मीदवार मैदान में हैं। चंदेल और नुंगबा निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर के मतदाताओं से अधिक से अधिक मताधिकार का उपयोग करने की अपील की है।
उत्तर प्रदेश में सातवें और अंतिम चरण के साथ-साथ असम में माजुली सीट के उपचुनाव के लिए भी प्रचार का आज अंतिम दिन है। स्टार प्रचारक और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता जन सभाएं कर रहे हैा। घर-घर जाकर प्रचार और वर्चुअल अपील भी जारी है।
इस चरण में सोमवार को नौ जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इनमें 11 सीटें अनुसूचित जाति और दो अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। इनमें मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही जिले शामिल हैं। इस चरण में कुल 613 उम्मीदवार मैदान में हैं। जौनपुर सीट के लिए सबसे अधिक 25, जबकि वाराणसी जिले की पिंडरा और शिवपुर के लिए सबसे कम छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
इसके साथ ही असम में माजुली विधानसभा सीट के उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा ने भुबन गाम को मैदान में उतारा है, जबकि असम जातीय परिषद के चित्तरंजन बसुमतारी और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के भाती रिचोंग तीसरे उम्मीदवार हैं। कुल 1 लाख 33 हजार 227 मतदाता हैं। इनमें 67 हजार आठ सौ 19 पुरुष और 65 हजार चार सौ आठ महिला मतदाता शामिल हैं। कुल 203 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद इस सीट से केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के इस्तीफे के बाद उपचुनाव कराया जा रहा है।
निर्वाचन आयोग ने कोविड मामलों में कमी को देखते हुए चुनाव वाले राज्यों में चुनाव प्रचार के प्रावधानों में ढील दी है। आयोग ने राजनीतिक सभाओं और रैलियों के लिए केवल 50 प्रतिशत क्षमता के उपयोग पर प्रतिबंध में भी ढील दी। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नियमों के अधीन अपनी बैठकें और रैलियां आयोजित करने की अनुमति दी गई है। आयोग ने राज्य आपदा मोचन बल नियमों के अधीन और संबंधित जिला अधिकारियों की पूर्व अनुमति के साथ रोड शो की भी अनुमति दी। (Aabhar Air News)