उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों की मतगणना के लिए आज सभी प्रबंध कर लिए गए हैं। मतगणना सवेरे आठ बजे आरंभ होगी। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी। उसके बाद ईवीएम पर डाले गए वोट गिने जाएंगे। निर्वाचन आयोग अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर सुबह आठ बजे से मतगणना के रुझान देने लगेगा।

निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सुचारु मतगणना के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। निर्वाचन आयोग ने बताया है कि सुचारु मतगणना सुनिश्‍चित करने के लिए 671 मतगणना पर्यवेक्षक, 130 पुलिस पर्यवेक्षक और 10 विशेष पर्यवेक्षक तैनात रहेंगे।  उपनिर्वाचन आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने बताया कि आयोग ने दो विशेष अधिकारी भी नियुक्‍त किए हैं। जिलों में मतगणना प्रबंधों के निरीक्षण के लिए दिल्‍ली के मुख्‍य चुनाव अधिकारी को मेरठ में और बिहार के मुख्‍य चुनाव अधिकारी को वाराणसी में तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी मतगणना केंद्रों पर व्यापक और पुख्ता व्‍यवस्‍था की गई है। श्री चन्‍द्र भूषण कुमार ने कहा कि सभी स्ट्रांग रूम जहां ईवीएम रखे गए हैं, वहां तीन स्‍तरीय सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित उम्मीदवार 24 घंटे सीसीटीवी कवरेज के माध्यम से स्ट्रांग रूम की व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं।

उप चुनाव आयुक्त ने बताया कि सभी पांच राज्यों में जिला प्रशासन ने मतगणना हॉल के आसपास सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने सहित कानून-व्यवस्था बनाये रखने के अनेक उपाय किए गए हैं ताकि कहीं भी शांति भंग न हो। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान ईवीएम की तैनाती के हर स्‍तर पर राजनीतिक दल और उम्मीदवार शामिल होते हैं जिसमें ईवीएम गोदाम को खोलना तथा बंद करना, ईवीएम तथा वीवीपैट की प्रथम स्तर की जांच और प्रथम स्तर की जांच के बाद प्रशिक्षण और जागरूकता के लिए ईवीएम तथा वीवीपैट को बाहर निकालना शामिल है।

श्री कुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 8 अप्रैल 2019 को संबंधित पक्षों की अधिक संतुष्टि के लिए, ईवीएम की गिनती के साथ मिलान के लिए वीवीपैट पर्चियों की संख्या के नमूने के आकार को मौजूदा एक मतदान केंद्र प्रति विधानसभा क्षेत्र या खंड से  पांच मतदान केंद्र प्रति विधानसभा क्षेत्र या खंड तक बढ़ा दिया है। उन्होंने बताया कि हर चुनाव में उच्चतम न्यायालय के इस निर्देश का सख्ती से पालन किया जा रहा है। श्री कुमार ने कहा कि जीत का अंतर मतगणना के समय अमान्य घोषित किए गए डाक मतपत्रों की संख्या से कम होने की स्थिति में, रिटर्निंग अधिकारी परिणाम घोषित करने से पहले सभी अस्वीकृत डाक मतपत्रों का फिर से सत्यापन कराएंगे।

उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च तक 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान हुआ था। मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच है, जो राष्ट्रीय लोकदल के साथ चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस भी चुनाव मैदान में है।

उत्तराखंड में 70 सदस्यों वाली विधानसभा के चुनाव के लिए एक ही चरण में 14 फरवरी को मतदान कराया गया था, मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है।

गोवा में 40 सदस्यों वाली विधानसभा के चुनाव का मतदान भी 14 फरवरी को एक ही चरण में हुआ था। मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है। हालांकि आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और अन्य छोटे दलों के मैदान में उतरने से गोवा में चुनाव बहुकोणीय हो गया था।

पंजाब में 20 फरवरी को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव हुआ था। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस का मुकाबला आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन, भारतीय जनता पार्टी और पंजाब लोक कांग्रेस गठबंधन तथा संयुक्त समाज मोर्च से है।

मणिपुर में 60 सीटों की विधानसभा के चुनाव के लिए 28 फरवरी और 8 मार्च को दो चरणों में वोट डाले गए थे। मुख्य मुकालबा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है। (Aabhar Air News)