रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारतीय वायु सेना ने एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हेलिकॉप्टर दुर्घटना के संबंध में एक त्रि-सेवा जांच के आदेश दिये हैं। संसद के दोनों सदनों में एक बयान में रक्षामंत्री ने कहा कि इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उनका इलाज वेलिंगटन के सैनिक अस्पताल में चल रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्‍यक्ष जनरल बिपिन रावत-सीडीएस का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
 
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वायु सेना के एमआई17-वी5 हेलीकॉप्टर ने कल सुबह 11 बजकर 48 मिनट सुलूर एयर बेस से उड़ान भरी थी और इसे दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर वेलिंगटन में उतरना था। उन्होंने संसद के दोनों सदनों को सूचित किया कि सुलूर एयर बेस पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल का हेलीकॉप्टर से लगभग 12 बजकर 08 मिनट पर संपर्क टूट गया। इसके बाद, कुछ स्थानीय लोगों ने कुन्नूर के पास जंगल में आग के शोले देखे जहां उन्होंने देखा कि एक सैन्य हेलीकॉप्टर का मलबा आग की लपटों में घिरा हुआ है। श्री सिंह ने बताया कि स्थानीय प्रशासन के बचाव दल ने घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को निकालने का प्रयास किया।
 
रक्षा मंत्री ने कहा कि जनरल बिपिन रावत प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के निर्धारित दौरे पर थे। उन्‍होंने कहा कि मृतकों में सीडीएस के अलावा उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर भी उनके साथ थे। हैलीकॉप्‍टर में लखबिंदर सिंह लिद्दर, स्टाफ अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और वायु सेना के हेलीकॉप्टर चालक दल सहित नौ अन्य सशस्त्र बल के जवान थे। इनके नाम विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान, स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह, जूनियर वारंट अधिकारी राणा प्रताप दास, जूनियर वारंट अधिकारी अरक्कल प्रदीप, हवलदार सतपाल राय, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी साई तेजा हैं।                                                                                     (Aabhar Air News)