प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने चार सौ अरब डॉलर मूल्‍य का निर्यात लक्ष्‍य प्राप्‍त करने पर गर्व व्‍यक्‍त किया है। आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में उन्‍होंने कहा कि अब भारत के उत्‍पाद दुनिया के हर नये बाजार में पहुंच रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि स्‍थानीय उत्‍पादों को समर्थन देकर उन्‍हें ग्‍लोबल बना सकते हैं। प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे स्‍थानीय उत्‍पादों को वैश्विक स्‍तर पर ले जाने का प्रयास करें, ताकि भारतीय उत्‍पादों की प्रतिष्‍ठा बढ़े।


श्री मोदी ने कहा कि भारत में बने उत्‍पादों की मांग दुनियाभर में बढ़ रही है। इससे पता चलता है कि भारत की आपूर्ति व्‍यवस्‍था मजबूत हो रही है। उन्‍होंने कहा कि असम के हैलाकांडी के चमड़ा उत्‍पाद, उस्‍मानाबाद के हथकरघा उत्‍पाद, बीजापुर की वनस्‍पति और चंदौली के काले चावल का निर्यात लगातार बढ़ रहा है।


श्री मोदी ने कहा कि अब लद्दाख की विश्‍व प्रसिद्ध खुबानी दुबई और तमिलनाडु के केले सऊदी अरब के बाजारों तक पहुंच गए हैं। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि कुछ अन्‍य देशों को कई नये उत्‍पाद उपलब्‍ध कराए जा रहे हैं।


हिमाचल प्रदेश और उत्‍तराखंड से ज्‍वार की पहली खेप डेनमार्क को निर्यात की गई है। आंध्र प्रदेश के कृष्‍णा और चित्‍तूर जिलों से बैंगनपली और स्‍वर्णरेखा आम दक्षिण कोरिया भेजे गए हैं। त्रिपुरा की कटहल और नगालैंड की किंगचिली अब लंदन निर्यात की जाने लगी है। इसी तरह गुजरात से भलिया गेहूं केन्‍या और श्रीलंका को निर्यात किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब अंतर्राष्‍ट्रीय बाजारों में भारतीय उत्‍पाद पहले की तुलना में कहीं अधिक उपलब्‍ध हैं।


श्री मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत में बहुत अधिक संभावनाएं हैं और हमारी वास्‍तविक शक्ति किसान, कारीगर, बुनकर, इंजीनियर, छोटे उद्यमी, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्योग क्षेत्र में निहित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इनके कठिन परिश्रम की बदौलत ही देश ने चार सौ अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्‍य हासिल किया है।


श्री मोदी ने यह भी कहा कि सरकारी खरीद के लिए बनी वेबसाइट जीईएम के माध्‍यम से अब छोटे उद्यमी भी सरकार को अपने उत्‍पाद सीधे बेच पा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए व्‍यवस्‍था को अधिक पारदर्शी बनाया गया है। जीईएम पोर्टल के माध्‍यम से पिछले एक वर्ष के दौरान सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की खरीद की है। देशभर के लगभग सवा लाख छोटे उद्यमियों और छोटे दुकानदारों ने इस पोर्टल के माध्‍यम से अपने सामान सीधे ही सरकार को बेचे हैं। श्री मोदी ने कहा कि एक दौर था, जब बड़ी कंपनियां ही अपने उत्‍पाद सरकार को बेच पाती थीं, लेकिन अब परिदृश्‍य बदल रहा है। उन्‍होंने कहा कि अब छोटे से छोटा दुकानदार भी जीईएम पोर्टल पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत केवल बड़े स्‍वप्‍न ही नहीं देखता, बल्कि उसे साकार करने का साहस भी रखता है।


श्री मोदी ने हाल ही में पद्मश्री पुरस्‍कार ग्रहण करने वाले बाबा शिवानंद की चर्चा करते हुए कहा कि हर किसी को एक सौ 26 वर्ष की उम्र में योग से उनकी स्‍पूर्ति को देखकर आश्‍चर्य होता है। उन्‍होंने कहा कि उम्र के इस पड़ाव पर उनकी फिटनेस आज देश में चर्चा का विषय है। श्री मोदी ने कहा कि बाबा शिवानंद का जीवन हम सबके लिए स्‍वस्‍थ जीवन शैली को अपनाने की प्रेरणा है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि 7 अप्रैल को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस मनाया जाना है। उन्‍होंने कहा कि योग हो या आयुर्वेद--आज दुनियाभर में स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति भारत की जीवन शैली की लोकप्रियता बढ़ रही है। पिछले सप्‍ताह कतर में योग पर एक कार्यक्रम में एक सौ चौदह देशों के नागरिकों ने हिस्‍सा लिया, जो एक रिकॉर्ड है। उन्‍होंने कहा कि आयुष उद्योग का बाजार लगातार बड़ा हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि छह वर्ष पहले आयुर्वेदिक दवाओं का बाजार लगभग 22 हजार करोड़ रुपये का था, जो आज बढ़कर एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये का हो गया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि स्‍टार्ट अप जगत में भी आयुष के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।


प्रधानमंत्री ने कफ, पित्‍त और वात दोष दूर करने के लिए शुरू किये गए कपिवा नामक आयुष स्‍टार्टअप की चर्चा की, जो भारतीय परम्‍परा के अनुसार खान-पान की स्‍वस्‍थ शैली को बढ़ावा देता है। उन्‍होंने एक अन्‍य स्‍टार्टअप निरोग स्‍ट्रीट का भी उल्‍लेख किया, जो आयुर्वेदिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली की एक अनूठी अवधारणा है, क्‍योंकि इसमें लोगा सीधे ही दुनियाभर के आयुर्वेदिक डॉक्‍टरों से जुड़ सकते हैं। अब तक पचास हजार से अधिक आयुर्वेदिक चिकित्‍सक इस स्‍टार्टअप से जुड़ चुके हैं। श्री मोदी ने अत्रेय स्‍टार्टअप का भी जिक्र किया, जो समग्र स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में काम कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि इक्‍सोरियल स्‍टार्टअप लोगों को अश्‍वगंधा के बारे में जागरूक कर रहा है और क्‍योरवेदा स्‍टार्टअप ने आधुनिक जड़ी-बूटी अनुसंधान और पारम्‍परिक ज्ञान का समागम कर समग्र स्‍वास्‍थ्‍य के लिए पूरक पोषक तत्‍व तैयार किया है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सभी स्‍टार्टअप देश के युवा उद्यमियों की देन हैं जिनसे देश में नई संभावनाएं सृजित हो रही हैं। उन्‍होंने स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र और खासकर आयुष स्‍टार्टअप से अपील की कि वे अपने पोर्टल की सामग्री को संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त सभी भाषाओं में उपलब्‍ध कराएं। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि देश के आयुष स्‍टार्टअप अपनी गुणवत्‍ता की बदौलत दुनियाभर में लोकप्रिय अर्जित करेंगे। प्रधानमंत्री ने स्‍वच्‍छता के संदर्भ में महाराष्‍ट्र में नाशिक के चन्‍द्रकिशोर पाटिल की चर्चा की, जो गोदावरी के तट को गंदा न करने के प्रति लोगों को लगातार जागरूक कर रहे हैं। उन्‍होंने ओडिशा में पुरी के राहुल महाराणा का उल्‍लेख भी किया, जो हर रविवार को सुबह पुरी के धर्मस्‍थलों से प्‍लास्टिक का कचरा हटाते हैं। श्री मोदी ने केरल के श्री नारायणन का भी उदाहरण दिया, जिन्‍होंने पॉट्स फॉर वाटर ऑफ लाइफ नामक एक परियोजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत वे मिट्टी के बर्तन बांटते हैं, ताकि गर्मी के दिनों में पशु-पक्षियों के लिए पानी की कमी न हो। उन्‍होंने कहा कि श्री नारायणन अब तक एक लाख से अधिक मिट्टी के बर्तन बांट चुके हैं और वे एक लाखवां बर्तन महात्‍मा गांधी के साबरमती आश्रम को दान करेंगे। श्री मोदी ने कहा कि उनका यह प्रयास गर्मी के दिनों में पशु-पक्षियों की प्‍यास मिटाने के लिए अन्‍य लोगों को भी प्रयास करने को प्रेरित करेगा।


प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के विषय में कहा कि हमें जल की प्रत्‍येक बूंद के संरक्षण का संकल्‍प लेना होगा। उन्‍होंने कहा कि जल के दोबारा उपयोग पर भी जोर दिये जाने की जरूरत है। श्री मोदी ने प्रसिद्ध कवि रहीम के दोहे - रहीम पानी राखिए, बिन पानी सब सून की चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि कई लोगों ने जल संरक्षण को अपने जीवन के एक मिशन के तौर पर लिया है। उन्‍होंने इस सिलसिले में चेन्‍नई के अरूण कृष्‍ण मूर्ति का उल्‍लेख किया जो अपने इलाके में तालाबों और झीलों की सफाई का अभियान चला रहे हैं। श्री मोदी ने महाराष्‍ट्र के रोहन काले की चर्चा की, जो राज्‍य में सैंकड़ों बावडि़यों को बचाने का अभियान चला रहे हैं। इनमें से कई बावडि़यां कई सौ साल पुरानी हैं और देश की धरोहर हैं। उन्‍होंने कहा कि गुजरात में भी जल की कमी को पूरा करने में बावडि़यों की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य में जल मंदिर योजना के कारण इन बावडि़यों का संरक्षण करने में मदद मिली है और पूरे गुजरात में कई बावडि़यों का जीर्णोद्धार कर पाना संभव हुआ है। इससे इन इलाकों में जल स्‍तर भी बढ़ा है। श्री मोदी ने कहा कि स्‍थानीय स्‍तर पर अन्‍यत्र भी ऐसे अभियान चलाए जा सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्‍सव के दौरान देश के प्रत्‍येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाए जा सकते हैं। श्री मोदी ने कहा कि कई पुराने जिलों का पुनरूद्धार किया जा सकता है और कुछ नई झीलें तैयार की जा सकती हैं। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि इस दिशा में व्‍यक्तिगत और सामूहिक - दोनों स्‍तरों पर प्रयास होंगे।


प्रधानमंत्री ने गुजरात में पोरबंदर समुद्र तट के पास माधवपुर गांव में आयोजित होने वाले मेले की चर्चा की। पौराणिक कथा के अनुसार, हजारों वर्ष पूर्व भगवान कृष्‍ण पूर्वोत्‍तर की राजकुमारी रुक्मिणी से माधवपुर में ही परिणय-सूत्र में बंधे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि  इसी विवाह के प्रतीक स्‍वरूप आज तक माधवपुर में मेले का आयोजन होता है। उन्‍होंने कहा कि पूर्व और पश्चिम के संबंधों में गहनता भारत की धरोहर का हिस्‍सा रही है। उन्‍होंने कहा कि वधू पक्ष के लोगों को घराती कहा जाता है और अब पूर्वोत्‍तर के कई घराती इस मेले में शामिल होते हैं। सप्‍ताहभर चलने वाले इस मेले में पूर्वोत्‍तर के सभी राज्‍यों के कारीगरों की भागीदारी होती है। श्री मोदी ने कहा कि माधवपुर मेला एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत का एक सुन्‍दर उदाहरण है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्‍सव में जन भागीदारी बढ़ रही है। 23 मार्च को शहीदी दिवस के अवसर पर देशभर में कई आयोजन हुए। इसी दिन प्रधानमंत्री ने कोलकाता के विक्‍टोरिया मेमोरियल में विप्‍लव भारत दीर्घा राष्‍ट्र को समर्पित की थी।


श्री मोदी ने कहा कि अगले महीने 11 अप्रैल को महात्‍मा फुले की और 14 अप्रैल को बाबा साहेब आम्‍बेडकर की जयंती है। उन्‍होंने कहा कि इन दोनों विभूतियों ने भेद-भाव और असमानता के विरूद्ध अनवरत संघर्ष किया। महात्‍मा फुले ने लड़कियों के लिए स्‍कूल खोले और बालिका मृत्‍युदर के विरूद्ध आवाज उठाई। उन्‍होंने जल संकट के समाधान के लिए भी कई बड़े अभियान शुरू किये थे।


प्रधानमंत्री ने देशवासियों से महात्‍मा फुले, सावित्री बाई फुले और बाबा साहेब आम्‍बेडकर के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की है। उन्‍होंने सभी माता-पिता और अभिभावकों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि उनकी बेटियों को अच्‍छी शिक्षा मिले। श्री मोदी ने कहा कि स्‍कूलों में बेटियों के दाखिले की संख्‍या बढ़ाने के लिए कुछ दिन पहले ही कन्‍या शिक्षा प्रवेश उत्‍सव शुरू किया गया है। इसका उद्देश्‍य ऐसी लड़कियों को दोबारा स्‍कूल में लाना है, जिन्‍होंने किन्‍हीं कारणों से बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। श्री मोदी ने मन की बात के श्रोताओं से अपील की कि वे महात्‍मा फुले, साबित्री बाई फुले और बाबा साहेब आम्‍बेडकर के जीवन से जुड़े स्‍थानों की यात्रा करें, ताकि उनके जीवन से प्रेरित हो सकें।


श्री मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में कई त्‍यौहार होंगे और नवरात्रि भी शीघ्र ही आने वाली है। उन्‍होंने कहा कि नवरात्रि का पहला दिन गुड़ी पाडवा के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ईस्‍टर भी अप्रैल में ही मनाया जाता है और रमजान का महीना भी जल्‍दी ही शुरू होने वाला है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि इन त्‍यौहारों से देश की विविधता को बल मिलेगा।

 (Aabhar Air News)