एमबीबीएस और अन्‍य मेडिकल पाठ्यक्रमों में सरकारी स्‍कूलों के छात्रों के लिए साढ़े सात प्रतिशत सीट आरक्षित करने के तमिलनाडु सरकार के आदेश को मद्रास उच्‍च न्‍यायालय ने सही ठहराया है। आदेश के विरुद्ध दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए मुख्‍य न्‍यायाधीश मुनीश्‍वर नाथ भंडारी ने कल यह फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया है कि इस आदेश को जारी करते हुए सरकार ने आरक्षण की अधिकतम सीमा का उल्‍लंघन नहीं किया है। निर्णय में यह भी कहा गया है कि सरकारी स्‍कूलों के छात्र निजी या सरकारी मदद से चल रहे स्‍कूलों की तुलना में गरीब और कमजोर वर्ग से आते हैं और ऐसे में आरक्षण की ये व्‍यवस्‍था सामाजिक न्‍याय का लक्ष्‍य पूरा करने में सहायक है।
   
लेकिन उच्‍च न्‍यायालय ने अगले पांच साल में सरकारी स्‍कूलों का स्‍तर सुधारने के लिए भी सरकार से कहा है। अदालत ने यह भी कहा है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट पास करने के लिए स्‍कूली शिक्षा ही पर्याप्‍त होनी चाहिए ताकि छात्रों को निजी कोचिंग संस्‍थानों में जाने की जरूरत न पड़े। मुख्‍यमंत्री एम के स्‍टालिन और कई अन्‍य नेताओं ने इस फैसले का स्‍वागत किया है। 
(AABHAR AIR NEWS)