प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत लोकतंत्र की जननी है और भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि समय के साथ इसमें लगातार बदलाव आते रहे हैं।
आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि हमारे देश का लोकतंत्र हमें नवाचार और नए-नए विचारों को आत्‍मसात करने के लिए प्रेरित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ अपवादों को छोड़कर लोकतंत्र को मजबूत करने की हमारी गौरवशाली परंपरा रही है। श्री मोदी ने कहा कि देश के अधिकांश प्रधानमंत्री बहुत ही साधारण परिवारों से आए हैं।
श्री मोदी ने कहा कि दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों से और बेहद गरीब तथा किसान परिवार से होते हुए भी यदि कोई व्‍यक्ति राष्‍ट्र का प्रधानमंत्री बन सकता है, तो यह भारतीय लोकतंत्र की महान परंपराओं में देश के विश्वास को और मजबूत करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्‍वाधीनता के बाद हर सरकार ने भारत को उस ऊंचाई तक ले जाने में अपना योगदान दिया है जहां पर वह आज मौजूद है।
श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय प्रत्‍येक सरकार की साझी विरासत का जीवंत प्रतिबिंब भी बन चुका है। उन्‍होंने कहा कि यह संग्रहालय ऐसे समय में बना है, जब देश आजादी के 75 वर्ष मना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संग्रहालय ज्ञान, विचारों, अनुभवों के प्रवेश द्वार के रूप में काम करेगा।
प्रधानमंत्री संग्रहालय का निर्माण नई दिल्‍ली के तीन मूर्ति एस्‍टेट में किया गया है और इस संग्रहालय में देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों की जीवन यात्रा तथा उनके कार्यों को दर्शाया गया है।
श्री मोदी की परिकल्‍पना से मार्गदर्शित यह संग्रहालय राष्‍ट्र निर्माण में देश के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि है।
संग्रहालय के माध्‍यम से इस समावेशी प्रयास का उद्देश्‍य नई पीढी को स्‍वतंत्रता के बाद से अब तक हुए सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्‍व, उनकी दूरदृष्टि और उपलब्धियों से प्रोत्‍साहित करना है।
नवीनता और प्राचीनता के सम्मिश्रण का प्रतीक यह संग्रहालय पहले से बने हुए तीन मूर्ति भवन के खंड -एक को नव-निर्मित भवन के खण्‍ड दो से जोडता है। दोनों भवनों का कुल क्षेत्रफल 15 हजार 6 सौ वर्ग मीटर से अधिक है।
संग्रहालय की रूपरेखा और बनावट प्रगति पथ पर आगे बढ़ते भारत की गाथा से प्रेरित है।
इस अवसर पर श्री मोदी ने प्रधानमंत्री संग्रहालय का पहला टिकट भी खरीदा।(Aabhar Air News)