प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हील इन इंडिया इस दशक का सबसे बडा ब्रॉण्‍ड बन सकता है। आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्‍सा पद्धति पर आ‍धारित आरोग्‍य केन्‍द्र अत्‍यधिक लोकप्रिय हो सकते हैं। श्री मोदी ने भारतीय वीजा के लिए नई श्रेणी आयुष वीजा की भी घोषणा की है ताकि विदेशियों को आयुष क्षेत्र में भारतीय विशेषज्ञता का लाभ मिल सके।
प्रधानमंत्री ने आज गांधीनगर के महात्‍मा मंदिर में वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार सम्‍मेलन के उद्घाटन के बाद यह बात कही। इस अवसर पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्‍द कुमार जुगनॉथ और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महानिदेशक डॉ0 टेड्रॉस गेब्रेयेसुस भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयुष निर्यात संवर्धन परिषद की भी वर्चुअल माध्‍यम से शुरूआत की। श्री मोदी ने आयुष सूचना केन्‍द्र, आयुष नैक्‍स्‍ट और आयुसॉफ्ट जैसी सूचना प्रौद्योगिकी पहल की भी शुरूआत की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले यह कोई कल्‍पना भी नहीं कर सकता था कि भारत इतनी जल्‍दी कोविड वैक्‍सीन विकसित कर लेगा। श्री मोदी ने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि नवाचार और निवेश किसी भी क्षेत्र की ताकत बढा सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि आयुष क्षेत्र भविष्‍य में अधिक‍तम निवेश आकर्षित करेगा, जो आज से शुरू हो गया है।
श्री मोदी ने कहा कि आयुष के क्षेत्र में निवेश और नवाचार की असीम संभावनाएं हैं। आयुष औषधियों और अन्‍य सौंदर्य प्रसाधनों के उत्‍पादन में पहले ही अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है। उन्‍होंने कहा कि 2014 में आयुष क्षेत्र तीन अरब डॉलर से भी कम का था, जो अब 18 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।
श्री मोदी ने कहा कि पारम्‍परिक औषधियों से केरल के पर्यटन को बढाने में मदद मिली है। यह ताकत पूरे भारत में है और भारत के कोने-कोने में है।
श्री मोदी ने कहा कि एफ एस एस ए आई ने पिछले सप्‍ताह आयुष आहार के नाम से नई श्रेणी की घोषणा की थी। इससे हर्बल, पौष्टिक, अनुपूरक आहार के निर्माताओं को बहुत लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अब यूनिकॉर्न का युग चल रहा है। इस वर्ष अब तक भारत के 14 स्‍टार्टअप यूनिकॉर्न क्‍लब में शामिल हुए हैं। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि बहुत जल्‍द आयुष स्‍टार्टअप्‍स भी यूनिकॉर्न के रूप में उभरेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने पारंपरिक चिकित्‍सा पद्धतियों के क्षेत्र में स्‍टार्ट अप को प्रोत्‍साहित करने के लिए अनेक उपाय किए हैं। कुछ दिन पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान ने इनक्‍यूबेटर केंद्र भी विकसित किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विशेष आयुष मार्क भी बनाने जा रहा है। यह भारत में बने उच्‍च गुणवत्‍ता वाले आयुष उत्‍पादों पर लागू होगा।
उद्घाटन समारोह में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्‍द कुमार जुगनॉथ ने कहा कि भारत विश्‍व की फार्मेसी के रूप में जाना जाता है। उन्‍होंने कहा कि भारत आयुष आयुर्वेद और पारम्‍परिक चिकित्‍सा पद्धति में भी अग्रणी बनकर उभरेगा।
इस अवसर पर डॉ0 टेड्रॉस ने कहा कि इस आयुष केन्‍द्र के जरिये भारत पूरी दुनिया तक पहुंचेगा और पूरी दुनिया भारत आएगी। उन्‍होंने आयुष क्षेत्र में वृद्धि को महत्‍वपूर्ण बताया। डॉ0 टेड्रॉस ने कहा कि आयुष उद्योग 2014 से हर वर्ष 17 प्रतिशत की दर से बढ रहा है। इस वर्ष के आखिर तक आयुष उद्योग 23 अरब डॉलर का होने की संभावना है, इसीलिए उद्यमियों को इस क्षेत्र में बडे निवेश के लिए आकर्षित किया जा रहा है।
तीन दिन का वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार सम्‍मेलन पांच सत्र का होगा। इस दौरान आठ गोलमेज वार्ताएं, छह कार्यशालाएं और दो संगोष्ठियां होंगी। सम्‍मेलन में लगभग 90 जाने-माने वक्‍ता शामिल होंगे। इस दौरान प्रदर्शनी में सौ निकाय अपने उत्‍पाद प्रदर्शित करेंगे।
समारोह के दौरान गुजरात के मुख्‍यमंत्री भूपेन्‍द्र पटेल, केन्‍द्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद थे।(Aabhar Air News)

    

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