भारत का प्रमुख विदेश नीति सम्मेलन-रायसीना संवाद कल नई दिल्ली में शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया। इस अवसर पर यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन ने कहा है कि जीवंत लोकतंत्र होने के नाते, भारत और यूरोपीय संघ के मौलिक मूल्य और हित एक समान हैं। सातवें रायसीना संवाद के उद्घाटन सत्र के मुख्य भाषण में उन्होंने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ, प्रत्येक देश के अपने भाग्य, कानून के शासन और मौलिक अधिकारों का निर्धारण करने के अधिकार में विश्वास करते हैं। सुश्री लेयन ने कहा कि दोनों का मानना है कि लोकतंत्र, नागरिकों का उद्धार करता है। उन्होंने कहा कि हर पांच वर्ष बाद जब संसदीय चुनाव में भारतवासी वोट डालते हैं तो विश्व भर में उसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था की प्रशंसा की जाती है। उन्होंने कहा कि इस मतदान प्रणाली के माध्यम से दुनिया के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश में भविष्य का रास्ता तय किया जाता है और लगभग एक अरब तीस करोड जनसंख्या के फैसले की दुनिया भर में गूंज होती है। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष ने कहा कि यूरोपीय संघ को मजबूत करने और इसमें ऊर्जा का संचार करने के लिए भारत के साथ उसकी भागीदारी, आगामी दशक में प्राथमिकता होगी।
उद्घाटन सत्र में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए विदेश मंत्री डॉ. सुब्रहमण्यम जयशंकर ने कहा कि यूरोपीय संघ ने पहले ही एक हिन्द-प्रशांत क्षेत्र और संपर्क की रणनीति तैयार की है। (Aabhar Air News)