प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि श्री नारायण गुरु भारत के आध्यात्मिक गुरू हैं जिन्होंने देश की सांस्कृतिक विरासत और नैतिक मूल्यों में अमूल्य योगदान दिया है। श्री मोदी ने कहा कि गुरु के जन्म के कारण केरल की भूमि पवित्र है। प्रधानमंत्री आज केरल में शिवगिरि तीर्थयात्रा की 90वीं वर्षगांठ और ब्रह्म विद्यालय की स्वर्ण जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
श्री मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और समाज सेवा में श्री नारायण गुरु के जीवन और शिक्षाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए शिवगिरी तीर्थयात्रा एक माध्यम रहा है।
इस अवसर पर उन्होंने नवती समारोह के लिए एक प्रतीक चिन्ह भी जारी किया। अगले एक साल के दौरान विभिन्न देशों और राज्यों में नवती समारोह के उपलक्ष्य में सेमिनार और सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन और राजीव चंद्रशेखर, श्री नारायण धर्म संघम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी सच्चिदानंद और महासचिव स्वामी ऋतम्भरानन्दा भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि श्री नारायण गुरु ने आधुनिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और मूल्यों को भी समृद्ध किया। उन्होंने न केवल शिक्षा और विज्ञान की बात की, बल्कि धर्म, आस्था और हजारों साल पुरानी परंपराओं को भी आगे बढाते रहे। श्री नारायण गुरु ने रूढ़ियों और कुरीतियों के खिलाफ लडाई लडी और देश को इसकी वास्तविकता से परिचित कराया। गुरूजी ने जाति के आधार पर हो रहे भेदभाव के खिलाफ तार्किक और व्यावहारिक लड़ाई लड़ी। श्री मोदी ने कहा कि आज नारायण गुरु जी की इसी प्रेरणा से देश गरीबों, दलितों और पिछड़ों की सेवा कर रहा है।
श्री नारायण गुरु को एक क्रांतिकारी विचारक और व्यावहारिक सुधारक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु जी हमेशा चर्चा की मर्यादा का पालन करते थे और हमेशा दूसरे के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करते थे। (Aabhar Air News)