विदेशमंत्री डॉ. सुब्रहमण्यम जयशंकर ने कहा है कि भारत विश्व के साथ अपनी शर्तों पर काम करेगा। उन्होंने कहा कि आदेश के अधीन काम करने और किसी देश की परछाईं बनने का युग अब समाप्त हो चुका है। विदेश मंत्री ने कहा कि किसी देश को खुश करने की बजाय हम अपने अस्तित्व के आधार पर संबंध रखना बेहतर समझते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत को क्षमता निर्माण की अपनी शक्ति के साथ वैश्विकरण के दूसरे चरण में होना चाहिए।
आजादी के 75 वर्ष बाद के भारत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमें केवल पूरे हो चुके 75 वर्षों को नहीं देखना है बल्कि आगे के 25 वर्षों पर ध्यान केन्द्रित करना है।
यूक्रेन संकट पर विदेश मंत्री ने कहा कि युद्ध समाप्त कर बातचीत के रास्ते पर आगे बढना सर्वोत्तम विकल्प होगा। (Aabhar Air News)