प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना और हर घर जल सरकार की केवल योजनाएं ही नहीं हैं बल्कि गरीबों को सभी आवश्यक सुविधाएं देने के लिए हमारे सपनों की अभिव्यक्ति भी हैं।
प्रधानमंत्री ने आज असम में कार्बी आंगलॉग जिले के दीफू में शांति, एकता और विकास रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय समाज की सांस्कृतिक विरासत भारत को एकजुट करती है तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करती है। जनजातीय समाज की संस्कृति, भाषा, भोजन, कला और हस्तकला देश की समृद्ध धरोहर हैं।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि असम में अब अराजकता का शासन नहीं है तथा असम के मुख्यमंत्री के प्रयास से राज्य में शांति सुनिश्चित हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में स्थायी शांति और बेहतर कानून व्यवस्था के कारण सरकार ने पूर्वोत्तर के कई क्षेत्रों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम-ए.एफ.एस.पी.ए. हटा लिया है।
बोडो समझौते के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने 2020 में शांति बनाए रखने के नए दरवाजे खोले हैं और पिछले वर्ष सितम्बर में कार्बी आंगलॉग के कई संगठन शांति और विकास के संकल्प में शामिल हो गये हैं।
श्री मोदी ने कहा कि केन्द्र पूर्वोत्तर राज्यों में शांति और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और शांति समझौते के अंतर्गत उन्हें एक हजार करोड रूपये दिए जाएंगे। इस शांति समझौते पर पिछले वर्ष सितम्बर में छह उग्रवादी गुटों ने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने कहा कि केंद्र, कार्बी आंगलांग और असम के अन्य क्षेत्रों के जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दो हजार छह सौ से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य आज शुरू हो गया। ऐसे सरोवरों में जनजातीय समाज की समृद्ध परम्पराएं हैं और इसके साथ ही प्रत्येक गांव में जल संरक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे और वे आमदनी के स्रोत भी बन जाएंगे।
श्री मोदी ने कहा कि कई राज्यों में डबल-इंजन की सरकार, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ देश का विकास कर रही है।
अहोम साम्राज्य के बहादुर कंमाडर लाचित बोरफुकन को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ जहां हम देश की आजादी का 75 वर्ष मना रहे हैं वहीं लाचित बोरफ़ुकन की 400वीं जयंती भी मना रहे हैं।
श्री मोदी ने असम-मेघालय सीमा समझौते का भी स्वागत किया और कहा कि बातचीत के माध्यम से सीमा संबंधी मुद्दों के समाधान से पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में सीमा विवाद हल करने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने पांच अरब रुपये से अधिक की लागत से शिक्षा क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें दिफू में पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पश्चिमी कार्बी ऑंगलॉंग जिले में डिग्री कॉलेज और जिले के कोलोंगा में कृषि महाविद्यालय शामिल हैं। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में कौशल और रोजगार के अवसर बढेंगे।
प्रधानमंत्री ने असम में दो हजार 950 से अधिक अमृत सरोवर परियोजनाओं की आधारशिला भी रखीं। ये सरोवर करीब एक हजार 150 करोड रूपये की लागत से विकसित किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री दीफू के बाद डिब्रूगढ जाएंगे जहां वे असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डिब्रूगढ कैंसर केंद्र का उदघाटन करेंगे। श्री मोदी, डिब्रूगढ से ही वर्चुअल माध्यम से सात कैंसर अस्पतालों का लोकार्पण करेंगे और सात अन्य की आधारशिला भी रखेंगे।
इस कार्यक्रम में अन्य लोगों के अलावा टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन टाटा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और रामेश्वर तेली, राज्यपाल जगदीश मुखी, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के उपस्थित रहने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री आज डिब्रूगढ में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। (Aabhar Air News)