प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल डेनमार्क में कोपेनहेगेन में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। डेनमार्क, फिनलैंड, आईसलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्री भी सम्मेलन में उपस्थित थे।
इस शिखर सम्मेलन में भारत नॉर्डिक संबंधों में प्रगति की समीक्षा की गयी। पहला भारत नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम में हुआ था। सम्मेलन के दौरान प्रतिभागी प्रधानमंत्रियों ने सहयोग मजबूत करने की प्रक्रिया जारी रखने का संकल्प लिया और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। कोविड काल के बाद आर्थिक मंदी से उबरने, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, नवाचार, डिजिकरण तथा हरित और स्वच्छ विकास के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ।
नॉर्डिक देशों ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन दोहराया। इन देशों ने जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा विविधिता, स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा दक्षता के क्षेत्रों में भी सहयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की। सम्मेलन में मौजूद नेताओं ने माना कि समुद्री अर्थव्यवस्था से आर्थिक विकास, नए रोजगार, पोषण में सुधार और खाद्य सुरक्षा को बढाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नॉर्डिक देशों की कंपनियों को समुद्री अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से सागरमाला परियोजना में निवेश का निमंत्रण दिया। श्री मोदी ने कहा कि भारत की आर्कटिक नीति आर्कटिक क्षेत्र में भारत नॉर्डिक सहयोग के विस्तार की अच्छी व्यवस्था उपलब्ध कराती है। प्रधानमंत्री ने नॉर्डिक देशों के स्वयंभू धन स्रोतों को देश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
कोपेनहेगेन में मीडिया से बातचीत में विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिनलैंड, आईसलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने बताया कि चार नॉर्डिक नेताओं के साथ श्री मोदी की बैठक की शुरूआत नॉर्वे के प्रधानमंत्री के साथ बैठक से शुरू हुई। इसमें मुख्यरूप से समुद्री अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा, जल विद्युत के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं तथा प्रौद्योगिकी और निवेश संबंधों पर चर्चा हुई। श्री क्वात्रा ने बताया कि दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग पर भी बातचीत की और वैक्सीन तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में संयुक्त अनुसंधान पर विचार-विमर्श किया। विदेश सचिव ने बताया कि दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सहयोग और समन्वय जारी रखने तथा योग समेत सांस्कृतिक सहयोग के विषयों पर भी चर्चा की।
विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वीडन के प्रधानमंत्री के साथ बैठक में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और अंतरिक्ष तथा रक्षा क्षेत्रों में साझेदारी पर विचार-विमर्श किया।
श्री मोदी ने आईसलैंड के प्रधानमंत्री के साथ समुद्री अर्थव्यवस्था और ऊर्जा स्रोतों के क्षेत्र में सहयोग पर विचार-विमर्श हुआ।
श्री क्वात्रा ने बताया कि फिनलैंड के प्रधानमंत्री के साथ श्री मोदी की मुलाकात में दोनों देशों के आपसी संबंधों और डिजिटल साझेदारी में हुई प्रगति पर चर्चा हुई। (Aabhar Air News)