प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दुनिया , भारत को बडी उम्मीद और विश्वास के साथ देख रही है, चाहे वैश्विक शांति, खुशहाली या वैश्विक चुनौतियों से समाधान खोजने के तरीके हों। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पुणे में जैन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन द्वारा आयोजित जीतो कनेक्‍ट वैश्विक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नये भारत की समृद्धि सभी को एकसाथ जोडती है। उन्होंने कहा कि सभी यह महसूस करने लगे हैं कि भारत पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ रहा है और विश्‍व कल्याण के उद्देश्य से काम कर रहा है। श्री मोदी ने कहा कि भारत का संकल्‍प बिल्‍कुल स्पष्ट है। आत्मनिर्भर भारत हमारा भविष्य और लक्ष्य भी है। उन्होंने कहा कि इस शिखर सम्मेलन का विषय 'टुगेदर टुवर्ड्स टुमॉरो' आज के परिदृश्य में बहुत अधिक सार्थक है। अमृतकाल में इसका सीधा अर्थ यह है कि 'सबका प्रयास' तेजी से विकास की कुंजी है।

श्री मोदी ने जैन समुदाय के युवाओं और जीतो कनेक्‍ट की सराहना की और उनसे लोकल के लिए वोकल की नीति अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यही स्थानीय निर्माताओं और कुशल कामगारों पर विश्वास दिखाने तथा उन्हें हमारे दैनिक जीवन की जरूरतों के उत्पादों के निर्माण के लिए सशक्त बनाने का सही मंच है। अर्थ यानी पृथ्वी शब्द का मतलब समझाते हुए श्री मोदी ने कहा कि  का अर्थ है पर्यावरण, जिसकी रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा। उन्हें हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के तरीकों पर चर्चा करनी चाहिए। ए शब्‍द के बारे में श्री मोदी ने कृषि, प्राकृतिक खेती, कृषि प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में निवेश करने पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि आर शब्‍द का अर्थ है पुनर्चक्रण और सरकुलर अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना। टी का अर्थ है सभी के लिए प्रौद्योगिकी और एच का मतलब स्वास्थ्य देखभाल। सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए बड़े स्‍तर पर काम कर रही है। इसी तरह जीतो मंच को भी इन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के बारे में सोचना चाहिए। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी इस अवसर पर मौजूद थे। (Aabhar Air News)