रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि बदलते समय के साथ तैयार रहने के लिए सीमा क्षेत्र का निरंतर विकास, रक्षा रणनीति का हिस्सा है। श्री सिंह ने सीमा सड़क संगठन-बी.आर.ओ. से श्रेष्‍ठ प्रौद्योगिकी के जरिये अपनी क्षमता बढ़ाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का आह्वान किया। श्री सिंह आज बी.आर.ओ. के 63वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में देश के उत्तरी क्षेत्र में चीन की बढती उपस्थिति को ध्‍यान में रखते हुए संगठन को क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। श्री सिंह ने देश की सुरक्षा और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 में संगठन के बजट को 40 प्रतिशत बढ़ाकर साढे तीन हजार करोड़ रुपये करने की घोषणा का उल्लेख किया।
रक्षा मंत्री ने बीआरओ को केवल एक निर्माण संगठन ही नहीं, बल्कि एकता, अनुशासन, आस्‍था और समर्पण का एक शानदार उदाहरण बताया।
श्री सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र विकास के नए केंद्रों के रूप में उभरे हैं और  पूर्वोतर क्षेत्र देश की सर्वांगीण प्रगति के लिए महत्‍वपूर्ण हैं क्योंकि ये भारत को दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ता है।
 बी.आर.ओ. महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने कर्मियों से नए जोश और समर्पण के साथ आगे बढते रहने का आह्वान किया। उन्‍होंने महत्वपूर्ण सुरंगें और हवाई क्षेत्र निर्माण परियोजनाओं को जल्द ही समाप्त करने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
श्री राजनाथ सिंह ने शांति कार्यकाल के दौरान दिल्ली में तैनात बीआरओ कर्मियों के लिए टोडापुर में 323 क्वार्टर वाले  आवास परिसर की आधारशिला रखी। श्री सिंह ने भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान द्वारा विकसित दो सॉफ्टवेयर - बीआरओ संसाधन प्रबंधन प्रणाली और बीआरओ बजट प्रबंधन प्रणाली भी लॉन्च की।
श्री सिंह ने 'बीआरओ@63-ऑल वीमेन इलेक्ट्रिक व्हीकल रैली' को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से होते हुए करीब 750 किलोमीटर का सफर तय करेगी। (Aabhar Air News)