जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक ने दिल्ली की एक अदालत में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने से जुड़े मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिए हैं। यह मामला वर्ष 2017 में कश्मीर घाटी में गडबड़ी फैलाने से जुड़ा है। मलिक ने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के अंतर्गत लगाये गये आरोप स्वीकार किए। अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं पर भी आरोप लगाये गये थे। इनमें फारूक़ अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह और मसरत आलम तथा अन्य शामिल हैं। इस मामले में आतंकी गुट लश्कर-ए-तईयबा के सरगना हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख सयैद सलाउद्दीन पर भी इस मामले में आरोप पत्र दायर है। इस्लामिक स्टेट की मदद से लश्कर-ए-तईयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर में गड़बड़ी फैलाने के लिए आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियां चलाने के आरोपों में यह  मामला दर्ज किया गया था। (Aabhar Air News)