केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने देश में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने का आह्वान करते हुए कहा है कि भविष्य अब प्रौद्योगिकी संचालित अर्थव्यवस्था का है। नई दिल्ली में कल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2022 पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉक्टर सिंह ने कहा कि अगले 25 वर्षो में जब देश अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मना रहा होगा उस समय की कार्ययोजना में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार ही प्रमुख निर्धारक होंगे। उन्होंने कहा कि अभिनव स्टार्ट-अप्स के लिए नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की तत्काल आवश्यकता है जिसके लिए देश में प्रतिभा और संसाधनों की कोई कमी नहीं है। डॉक्टर सिंह ने पृथक रूप से काम करने की बजाए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।
इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने क्वांटम डाटा सुरक्षा, कोविड जांच किट, इलेक्ट्रॉनिक असेंबलिंग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित रोबोट, क्रायोजेनिक टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा प्रणालियों जैसे क्षेत्रों में सात सबसे सफल स्टार्ट-अप को पुरस्कार प्रदान किए। यह पुरस्कार व्यवसायीकरण के लिए क्षमता सहित स्वदेशी प्रौद्योगिकी को विकसित करने वाले स्टार्ट-अप्स को दिए जाते हैं।
उन्होंने ट्रांसलेशनल रिसर्च क्षेत्र में महिला वैज्ञानिकों और महिला उद्यमियों को भी पुरस्कृत किया। इसके अलावा स्वदेशी प्रौद्योगिकी के सफल व्यावसायिक उपयोग के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-MSME श्रेणी के तहत भी पुरस्कार दिए गए।(Aabhar Air News)