विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने देशद्रोह कानूनों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की है। श्री रिजिजू ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संस्थानों के सम्मान की विरोधी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा भारत को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़ी रही है। इस पार्टी ने देश को बांटने का कभी कोई मौका नहीं छोड़ा।
विधि मंत्री ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू इस कानून पर पहला संशोधन लाये थे जिसका उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में कमी लाना था और श्यामा प्रसाद मुखर्जी तथा जनसंघ ने इसका विरोध किया था।
श्री रिजिजू ने कहा कि बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तीसरे स्तंभ न्यायपालिका को कमजोर बनाने का विचार प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यह इंदिरा गांधी की सरकार थी, जिसने भारत के इतिहास में पहली बार धारा 124-ए को संज्ञेय अपराध बनाया था।
विधि मंत्री ने कहा कि ऐसा नई दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में हुआ था, जिसे 1974 में लागू किया गया था। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस ने अपने पिछले कार्यों का मंथन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यूपीए सरकार का देशद्रोह के मामले दर्ज करने का सबसे खराब ट्रैक रिकॉर्ड है।
श्री रिजिजू ने कहा कि तत्कालीन मंत्री पी. चिदम्बरम की सतर्क नजरों के दौरान हजारों लोगों पर राजद्रोह के मामले दर्ज किए गये।
इससे पहले, उच्चतम न्यायालय द्वारा देशद्रोह कानूनों पर रोक लगाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने यह टिप्पणी की थी कि सच बोलना देशभक्ति है, न कि देशद्रोह। (Aabhar Air News)