प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सवेरे 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गुजरात के आणंद में प्राकृतिक खेती के बारे में राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे। सम्मेलन में प्राकृतिक खेती पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। किसानों को प्राकृतिक खेती पद्धतियां अपनाने के लाभों के बारे में सभी अपेक्षित जानकारी दी जाएगी। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कृषि से जुड़े सभी हितधारकों और कृषि आधारित स्टार्टअप से अनुरोध किया है कि वे इस सम्मेलन में भाग लें।
सरकार किसान कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप काम कर रही है। सरकार उत्पादकता में बढोतरी सुनिश्चित करने के प्रति वचनबद्ध है ताकि किसान अपनी खेती की क्षमता को अधिकतम स्तर तक पहुंचा सके। सरकार ने कृषि में बदलाव और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं।
कम लागत वाली प्राकृतिक खेती उपकरणों और उर्वरकों आदि की खरीद पर किसानों की निर्भरता कम करने में मदद करती है। इसमें, परंपरागत खेती आधारित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है।
गुजरात सरकार ने इन कार्यनीतियों पर बल देने और देश भर में किसानों को शिक्षित करने के लिए प्राकृतिक खेती के बारे में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है। तीन दिन का सम्मेलन आज संपन्न हो रहा है। इसमें पांच हजार से अधिक किसान हिस्सा ले रहे हैं। विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में किसान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-आईसीएआर, कृषि विज्ञान केंद्रों और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी के नेटवर्क के जरिये सम्मेलन के साथ सीधे जुड़ रहे हैं। (Aabhar Air News)