केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2021-26 के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। करीब 22 लाख किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे। इनमें ढाई लाख किसान अनुसूचित जाति और दो लाख किसान अनुसूचित जनजाति के भी हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि इस कार्य पर 93 हजार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा। इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने कहा कि इस धनराशि में सैंतीस हजार चार सौ चौवन करोड़ रुपये राज्यों को केंद्रीय सहायता के रूप में प्राप्त होंगे।
जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह निर्णय लाखों परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा।
दो राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए जल निकायों के 90 प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण का प्रावधान किया गया है। ये परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश की रेणुकाजी बांध और उत्तराखंड में लखवार बहुउद्देशीय परियोजना हैं।
त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम - सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य सिंचाई परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत कुल अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का लक्ष्य 13.88 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। आदिवासी और सूखा बाहुल्य क्षेत्रों के तहत परियोजनाओं के लिए समावेशन मानदंड में ढील दी गई है।
(Aabhar Air News)