राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम ने देश में लैंगिक समानता की नींव रखी। उन्होंने उन महिलाओं के प्रेरणादायी योगदान को याद किया जिन्होंने उपनिवेशवाद से मुक्ति दिलाने के लिए लगातार संघर्ष किया।
केरल में तिरुअनंतपुरम में महिला विधायकों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाएं जीवन के चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही हैं और कोविड महामारी से मजबूती से लड़ने में महिलाओं ने अपनी सूझबूझ दिखाई।
महिला सशक्तिकरण के लिए केरल सरकार की पहल की सराहना करते हुए श्री कोविन्द ने इस बात का उल्लेख किया कि संविधान सभा में 15 महिला सदस्यों में से तीन केरल से थीं।
राष्ट्रपति ने कहा कि 19वीं शताब्दी से शुरू हुए देश के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया।
उन्होंने कहा कि गांधी जी के कुशल नेतृत्व में असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में महिलाओं की उत्कृष्ट भागीदारी रही है।
श्री कोविंद ने कस्तूरबा गांधी, सरोजिनी नायडू और कमला देवी चट्टोपाध्याय के योगदान का भी विस्तार से उल्लेख किया।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल विधान सभा परिसर में आयोजित महिला विधायकों के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, राज्य सरकार के कई मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष एम.बी. राजेश, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन, कई सांसद, विधान पार्षद और प्रतिष्ठित गणमान्य महिलाएं शामिल हुईं।
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों की महिला सांसद, विधायक और विधानसभा अध्यक्ष भाग ले रही हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कल समापन समारोह को संबोधित करेंगे। (Aabhar Air News)