प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत, दुनिया में ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रमुख केन्द्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में देश के सबसे बड़े भारत ड्रोन महोत्सव-2022 का उद्घाटन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश में ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रमुख केन्द्र बनने की अपार क्षमता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह तकनीक कृषि, रक्षा, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन,स्वास्थ्य और भू-मैपिंग जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रौद्योगिकी के महत्व का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी मदद से अंतिम छोर तक सामान पहुंचाया जा सकता है और अन्त्योदय के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने ड्रोन प्रौद्योगिकी को कारगर बताते हुए कहा कि यह तकनीक सेवा प्रदान करने और लोगों के जीवन को सुगम बनाने में भी सक्षम है। सेवाएं प्रदान करने में ड्रोन प्रौद्योगिकी को प्रभावी बताते हुए उन्होंने कहा कि इस तकनीक से कृषि क्षेत्र को एक अन्य स्तर तक ले जाया जा सकेगा और यह सीमांत किसानों की प्रगति सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की दिशा में किसानों का विश्वास पिछले आठ वर्षों में बढ़ा है और अब वे निर्भय होकर इस प्रौद्योगिकी को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन क्षेत्र की देश में रोजगार अवसरों के सृजन की काफी क्षमता है। श्री मोदी ने कहा ‘‘सबका साथ सबका विकास’’ मंत्र के अंतर्गत सरकार ने प्रौद्योगिकी को एक ऐसे सेतु की तरह उपयोग किया है, जिससे आम नागरिकों का कल्याण किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन देश के दूर-दराज के इलाकों में दवाएं और वैक्सीन पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने ड्रोन की मदद से केदारनाथ पुनर्विकास परियोजना की समीक्षा भी की थी।
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में ड्रोन के उपयोग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि 65 लाख संपत्ति कार्ड ड्रोन की सहायता से तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार इस योजना के अंतर्गत देश के गांवों में प्रत्येक सम्पत्ति की डिजिटल मैपिंग भी की जा रही है। इससे मानवीय हस्तक्षेप में कमी आई है और पारदर्शिता बढ़ी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ड्रोन सेक्टर पर लागू प्रतिबंधों में कमी लाई है। उन्होंने कहा कि ड्रोन क्षेत्र के लिए मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना शुरू की गई। उन्होंने निवेशकों से अपील की कि वे भारत के फल-फूल रहे ड्रोन सेक्टर में निवेश करें। प्रधानमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे आगे बढ़ कर ड्रोन स्टार्ट-अप स्थापित करें।
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस अवसर पर कहा कि भारत पिछले आठ वर्ष में प्रौद्योगिकी क्षेत्र का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन रक्षा, कृषि और भू-मैपिंग समेत कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार ड्रोन उद्योग 2026 तक 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार प्राप्त कर लेगा।
ड्रोन महोत्सव में प्रधानमंत्री ने पांच किसान ड्रोन संचालकों के साथ बातचीत की। उन्होंने खुले आसमान में ड्रोन प्रदर्शन का अवलोकन भी किया और ड्रोन प्रदर्शनी में स्टार्ट-अप के बारे में बातचीत की।
इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित कई केंद्रीय मंत्री और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि ये ड्रोन महोत्सव 2030 तक भारत को दुनिया का हब बनाने में गेम चेंजर साबित होगा। इस महोत्सव में एक हजार छह सौ से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं और 70 से अधिक प्रदर्शनियों में ड्रोन प्रदर्शित किए गए हैं।
इस महोत्सव में उद्योग जगत की कई हस्तियां, सरकारी अधिकारी, विदेशी राजनयिक, सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों के प्रतिनिधि तथा स्टार्टअप सहित भारतीय विमानन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर मंत्रणा होगी। सरकार भारत में वैश्विक नेतृत्व के ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए काम कर रही है, जो भारतीय आकाश में ड्रोन के सुरक्षित और कुशल प्रचालन में मदद देने के लिए फिजिकल और डिजिटल बुनियादी ढांचा बनाएगा। ड्रोन, अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों को काफी फायदा प्रदान करते हैं। इनमें कृषि, खनन, बुनियादी ढांचा निगरानी, आपात कार्रवाई, परिवहन, भू-मैपिंग, रक्षा और कानून प्रवर्तन शामिल हैं। (Aabhar Air News)