प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल हमारे जीवन में गुंथी अवधारणाएं हैं और सर्कुलर अर्थ-व्यवस्था हमारी संस्कृति और जीवनशैली का अभिन्न अंग है।
विश्व पर्यावरण दिवस पर कल वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पर्यावरण आंदोलन के लिए वैश्विक पहल पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली-लाइफ की शुरुआत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि लाइफ जीवनशैली हमारी धरती की सुरक्षा के अनुरूप है।
प्रधानमंत्री ने एक अरब 30 करोड़ भारतीयों को धन्यवाद दिया जिनके सहयोग से भारत देश में पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रभावी प्रयास कर सका है। उन्होंने कहा कि देश में वन क्षेत्र बढ़ रहा है और शेरों, बाघों, चीतों, हाथियों और गैंडों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने पेट्रोल में दस प्रतिशत इथानोल मिलाने की उपलब्धि निर्धारित लक्ष्य नवंबर 2022 से पहले हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य से नौ वर्ष पहले गैर जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोतों से संस्थापित विद्युत क्षमता बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है। श्री मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी कार्बन शून्य जीवनशैली की बात किया करते थे।
प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में लाइफ का विचार प्रस्तुत किया था।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में बिल एंड मलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स, जलवायु अर्थशास्त्री लॉर्डस निकोलस स्टर्न, विश्व संसाधन संस्थान के सीईओ और अध्यक्ष अनिरुद्ध दास गुप्ता, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की वैश्विक अध्यक्ष सुश्री इंगेर एंडर्सन, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के वैश्विक प्रमुख अचिम स्टीनर, विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास तथा कई अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। (Aabhar Air News)