प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय बैंकों और मुद्रा को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला का व्यापक हिस्सा बनाने पर बल दिया है। कल नई दिल्ली में वित्तमंत्रालय और कार्पोरेट कार्य मंत्रालय के ऐतिहासिक सप्ताह समारोहों का उद्घाटन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस बात के प्रयास किए जाने चाहिए कि भारत के लिए तैयार वित्तीय समाधान दुनिया के अन्य देशों के नागरिकों के लिए भी समाधान प्रस्तुत कर सकें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि स्वतंत्रता के अमृतकाल के दौरान वित्तीय और कार्पोरेट शासन और बेहतर होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जन केन्द्रित शासन और कुशल प्रशासन के लिए लगातार प्रयास पिछले आठ वर्ष के दौरान सरकार की विशिष्ट उपलब्धि रही है। श्री मोदी ने कहा कि पिछले आठ वर्ष के दौरान सरकार ने प्रत्येक दिन नए कार्यों के लिए नए कदम उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्र के विकास और निर्धनों के सशक्तीकरण को गति दी है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने निर्धनों को सम्मान और गरिमा से जीवन जीने का अवसर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में किए गए सुधार कार्यों में सरकार ने युवाओं को केन्द्र बिन्दु में रखा है। इससे युवाओं को अपनी क्षमता प्रदर्शित करने में मदद मिलेगी।
आजादी का अमृत महोत्सव का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने का समारोह नहीं है बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों के स्वतंत्र भारत के सपनों को नई ऊर्जा देने का समारोह है।
प्रधानमंत्री ने ऋण से जुड़ी सरकारी योजनाओं के लिए राष्ट्रीय पोर्टल - जन समर्थ पोर्टल का भी शुभारंभ किया। अपनी तरह का यह पहला प्लेटफार्म लाभार्थियों को सीधे ऋणदाताओं से जोड़ेगा।
इस अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित पांच नए सिक्कों की विशेष श्रृंखला भी जारी की गई। एक, दो, पांच, दस और बीस रुपयों के ये विशेष सिक्के दृष्टिबाधित लोगों के लिए भी अनुकूल हैं। (Aabhar Air News)