प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और तंजानिया की राष्‍ट्रपति सामिया सुलुहू हसन के बीच आज नई दिल्‍ली में व्यापक मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता हुई। बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े विभिन्‍न पक्षों की समीक्षा की। साथ ही उन्‍होंने दोनों देशों के बीच नजदीकी और ऐतिहासिक संबंधों को और आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर वि‍चार-विमर्श किया।


दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्‍तर की वार्ता भी हुई। इस दौरान द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्‍न क्षेत्रों पर विचार-विमर्श हुआ, जिनमें व्‍यापार और निवेश, रक्षा और समुद्री सुरक्षा, विकास संबंधी साझेदारी, उच्‍च शिक्षा और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध शामिल हैं। 


वार्ता के बाद तंजानिया के राष्‍ट्रपति के साथ संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत तंजानिया संबंधों के लिए ऐतिहासिक है क्‍योंकि दोनों देशों के बीच युगों पुरानी मित्रता अब सामरिक साझेदारी के स्‍तर पर पहुंच चुकी है। उन्‍होंने कहा कि अफ्रीका में तंजानिया, विकास के मामले में भारत का सबसे करीबी साझेदार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और तंजानिया आपसी व्‍यापार और निवेश के क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण साझेदार है और दोनों पक्ष स्‍थानीय मुद्राओं में व्‍यापार बढाने के लिए समझौते पर काम कर रहे हैं।


श्री मोदी ने कहा कि भारत और तंजानिया रक्षा क्षेत्र में सहयोग की पांच वर्षों की रूपरेखा बनाने पर सहमत हुए हैं। इसके माध्‍यम से सैन्‍य प्रशिक्षण, समुद्री सहयोग, क्षमता निर्माण और रक्षा संबंधी उद्योग जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए आयाम जुडेगे। उन्‍होंने इस बात पर भी प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की है कि तंजानिया ने जी-20 शिखर सम्‍मेलन के दौरान भारत की ओर से शुरू किए गए वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय बिग कैट गंठबंधन से जुडने का तंजानिया का निर्णय बडे वन्‍य प्राणियों के संरक्षण के लिए चलाए जा रहे वैश्विक प्रयासों को मजबूती देगा।


प्रधानमंत्री ने इस बात का भी उल्‍लेख किया कि भारत ने तंजानिया में कौशल विकास और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी केन्‍द्रों, वोकेशनल, रक्षा संबंधी प्रशिक्षण, भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग तथा भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद की छात्रवृत्तियों के माध्‍यम से यह संभव हुआ। उन्‍होंने कहा कि भारत ने जलापूर्ति, कृषि, स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा जैसे महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में मिलकर काम करके तंजानिया के लोगों के जीवन में सकारात्‍मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और तंजानिया इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता की सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों ने आतंकवाद से निपटने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है।


बैठक के बाद दोनों देशों के बीच विभिन्‍न क्षेत्रों में समझौतों का आदान-प्रदान किया गया। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निमंत्रण पर तंजानिया की राष्‍ट्रपति भारत के चार दिन के राजकीय दौरे पर कल नई दिल्‍ली पहुंची। राष्‍ट्रपति हसन का आज राष्‍ट्रपति भवन के प्रांगण में पारंपरिक स्‍वागत किया गया और उसके बाद उन्‍होंने राजघाट जाकर महात्‍मा गांधी को पुष्‍पांजलि अर्पित की।


राष्‍ट्रपति भवन में स्‍वागत के बाद तंजानिया की राष्‍ट्रपति ने भारत के साथ दशकों पुराने बेहतरीन संबंधों की सराहना की। तंजानिया की राष्‍ट्रपति ने कहा कि उन्‍हें उम्‍मीद है इस यात्रा से राजनीतिक और आर्थिक विकास के नए रास्‍ते खुलेंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि उनका देश चाहता है कि पूर्वजों की ओर से स्थापित द्विपक्षीय संबंध आगे और भी दशकों तक चलते रहें। 


तंजानिया में राष्‍ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद यह उनका पहला भारत दौरा है। तंजानिया के राष्‍ट्रपति का भारत दौरा आठ वर्ष के बाद हो रहा है। इस दौरे से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और मैत्री संबंधों को नई ऊर्जा और मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद वे राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलेंगी। राष्‍ट्रपति मुर्मू की ओर से तंजानिया की राष्‍ट्रपति सामिया सुलुहू हसन के सम्‍मान में राजकीय भोज का आयोजन भी किया जाएगा। तंजानिया की राष्‍ट्रपति कल नई दिल्‍ली में होने वाले व्‍यापार और निवेश मंच की एक बैठक में भी भाग लेंगी।



(Aabhar Air News)

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