संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पेगासस जासूसी और कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण बार-बार स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, राष्ट्रवादी काग्रेस पार्टी, वाम दल और अन्य दलों के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। शोर-शराबे के बीच अंत:देशीय पोत विधेयक-2021 और आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 पेश किया गया।
पीठासीन अधिकारी ने विरोध कर रहे सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया, लेकिन स्थिति में कोई सुधार न होने पर सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, बैठक शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, राष्ट्रवादी काग्रेस पार्टी, वाम दल और अन्य दलों के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिये थे। वाई एस आर कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। शोर-शराबे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की।
सदस्यों को अपनी सीटों पर बैठने को कहा और कामकाज सुचारू रूप से चलाने का आग्रह किया, लेकिन विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में भी विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, वाम और अन्य दलों के सदस्य पेगासस जासूसी और कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दों पर नारेबाजी की।
12 बजे तक स्थगित रहने के बाद सदन की बैठक फिर शुरू होने पर अपनी मांगों के समर्थन में विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गये। शोर-शराबा जारी रहने पर उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।