भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अपनी द्विमासिक समीक्षा में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है। आज मुम्‍बई समिति की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर में कोई बदलाव न करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।


 रिजर्व बैंक से जारी बयान के अनुसार, व्यापक आर्थिक और वित्तीय घटनाक्रमों के विस्तृत मूल्यांकन के बाद समिति ने लगातार चौथी बार ब्‍याज दरें अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है। परिणामस्‍वरूप स्थायी जमा सुविधा दर- एसडीएफ 6.25 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा दर-एमएसएफ तथा बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर बनी रहेगी।


 बयान में कहा गया है कि टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों के कारण जुलाई में मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई। अगस्त माह में इसमें आंशिक रूप से सुधार देखने को मिला। सितंबर में कीमतों में कमी के कारण मुद्रास्‍फीति‍ में नरमी आई। खाद्य और ईंधन को छोड़कर मुख्य मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख है, हालांकि दलहन और तिलहन जैसी प्रमुख फसलों के लिए खरीफ की बुआई में गिरावट, और अस्थिर वैश्विक खाद्य तथा ऊर्जा कीमतों में अनिश्चितताओं के चलते मुद्रास्‍फीति को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं।


बयान के अनुसार 2023-24 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्‍पाद की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दूसरी तिमाही में इसके 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2024-25 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।




(Aabhar Air News)