संसद ने कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 पारित कर दिया है। आज लोकसभा और राज्यसभा ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन इसकी मंजूरी दे दी। तीनों कृषि विधेयकों को वापस लिए जाने से संबंधित विधेयक को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज सुबह लोकसभा में पेश किया जिसे बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का कहना था कि शोरगुल के माहौल में चर्चा संभव नहीं है।
भोजनावकाश के बाद के सत्र में इस विधेयक को श्री नरेंद्र सिंह तोमर राज्यसभा में पेश किया जिसे शोर-शराबे के बीच पारित कर दिया गया। विधेयक पर चर्चा करते हुए विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी दल विधेयक का स्वागत करते हैं। हालांकि उनका यह भी आरोप था कि पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने विधेयक पेश किया है। श्री तोमर ने कहा कि सरकार ने किसानों के हित में तीन कृषि कानून बनाए लेकिन विपक्ष ने इस पर दोहरा मापदंड अपनाया। उन्होंने कहा कि गुरुनानक जयंती के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री ने खुले मन से इन्हें निरस्त करने की घोषणा की।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्य, अन्य मुद्दों के अलावा देशव्यापी समान न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर सदन के बीचों-बीच पहुंच गये। शोरगुल के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने दोपहर तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
बाद में कृषि कानून निरसन विधेयक-2021 पारित करने के बाद सदन की कार्यवाही पहले दो बजे तक के लिए और बाद में दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई सभापति एम. वेंकैया नायडु ने पांच नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। इनमें महाराष्ट्र से रजनी अशोकराव पाटिल, तमिलनाडु से एम० मोहम्मद अब्दुल्ला, के.आर.एन. राजेशकुमार और डॉ० कनिमोई एनवीएन सोमु और पश्चिम बंगाल से लुइझिन्हो जोकिम फलेरियो शामिल हैं। सभापति ने सदन को नये महासचिव पी सी मोदी से परिचित कराया।
बाद में, राज्यसभा के दिवंगत सदस्य ऑस्कर फर्नाडिस और पांच अन्य दिवंगत सदस्य के.बी. शनप्पा, डॉ. चंदन मित्रा, हरी सिंह नल्वा, मोनिका दास और अबनि रॉय के सम्मान में एक घंट के लिए सदन की कार्यवाही 12 बजकर 20 तक के लिए स्थगित कर दी गई।
जब सदन कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने किसानों के मुद्दे पर हंगामा किया, जिसके कारण इसे दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले, श्री वेंकैया नायडू ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस, टीएमसी और टी.आर.एस. के विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी करने लगे। श्री नायडू ने सदस्यों से अपील की कि वे सूचीबद्ध प्रश्नों को सदन में उठाने की अनुमति दें क्योंकि यह संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन है। लेकिन विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते रहे।
प्रश्नकाल शुरू होने से पहले, श्री नायडू ने सदस्यों से शीतकालीन सत्र की सभी 19 बैठकों को सर्वश्रेष्ठ बनाने की अपील की। उन्होंने कोविड के नए वेरिएंट के मद्देनजर कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में शामिल होने की अपील की। सभापति ने कोविड के खिलाफ प्रभावी टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और सभी हितधारकों के प्रयासों की भी सराहना की।
बाद में, जब दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो इसे दोपहर दो बजकर 38 मिनट तक के लिए और फिर आधे घंटे के लिए और अंत में दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।