बिहार मंत्रिमंडल ने राज्य में जातिगत जनगणना शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद मुख्य सचिव अमीर सुबहानी ने कहा कि मंत्रिमंडल ने जाति आधारित जनगणना के लिए आकस्मिक निधि से 500 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अपने संसाधनों से यह जनगणना कराएगी।
श्री सुबहानी ने कहा कि जनगणना का कार्य सामान्य प्रशासन विभाग करेगा। इसके लिए ज़िलाधिकारी नोडल अधिकारी होंगे और अपने जिलों में गणना के लिए कर्मचारियों की सेवा लेंगे। जातिगत जनगणना में परिवारों की आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जाएगा और यह प्रकिया फरवरी-2023 तक पूरी कर ली जाएगी। जातिगत जनगणना में हुई प्रगति की जानकारी विधानसभा में विभिन्न दलों के नेताओं को समय-समय पर दी जाएगी।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की पहचान करके उन्हें इस जातिगत जनगणना से बाहर रखने की मांग की है। (Aabhar Air News)