दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा है कि आबकारी नीति में गंभीर विसंगतियों का मुद्दा उठाकर उन्होंने संविधान और दिल्ली के लोगों के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन किया है। श्री सक्सेना ने कहा कि उनकी आपत्तियों के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्रिमंडल ने आबकारी नीति को वापस ले लिया था।
श्री सक्सेना ने ट्वीट संदेश में यह भी कहा कि उन्होंने दिल्ली सरकार के विद्यालयों में कमरों के निर्माण में अनियमितताओं को लेकर मुख्य सतर्कता आयुक्त की रिपोर्ट पर कार्रवाई में ढाई साल की देरी का भी मुद्दा भी उठाया। उन्होनें कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। दिल्ली के विश्वविद्यालयों में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक से समय पर ऑडिट भी नहीं कराया जा रहा है।
उपराज्यपाल ने कहा कि उन्होंने सुशासन, भ्रष्टाचार रहित प्रशासन और दिल्ली के लोगों के लिए बेहतर सेवाओं का आह्वान किया था, लेकिन दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भटकाव की रणनीति और झूठे आरोपों का सहारा लिया। श्री सक्सेना ने कहा कि अगर आने वाले दिनों में उन पर और उनके परिवार पर कोई निराधार व्यक्तिगत आरोप लगाए जाते हैं तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा। उपराज्यपाल ने कहा कि वे किसी भी परिस्थिति में अपने संवैधानिक कर्तव्यों से विचलित नहीं होंगे। श्री सक्सेना ने कहा कि दिल्ली के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता अडिग है। (Aabhar Air News)