प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि नया भारत रक्षा क्षेत्र में अभिप्राय, नवाचार और कार्यान्वयन के मंत्र के साथ आगे बढ रहा है। आज गुजरात के गांधीनगर में रक्षा प्रदर्शनी-2022 का उद्घाटन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आठ वर्ष पहले भारत को विश्व का सबसे बडा रक्षा उपकरण आयातक देश के रूप में जाना जाता था, लेकिन नये भारत ने अभिप्राय और इच्छाशक्ति दिखाई तथा मेक इन इंडिया आज रक्षा क्षेत्र में सफलता की कहानी बन रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का रक्षा निर्यात पिछले पांच वर्षों में आठ गुना बढ गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्व के 75 से अधिक देशों में रक्षा सामग्री और उपकरण का निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में भारत का रक्षा निर्यात एक दशमलव पांच नौ अरब डॉलर तक पहुंच गया। श्री मोदी ने कहा कि भविष्य में भारत ने यह निर्यात पांच अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। प्रधानमंत्री ने भारत पेवेलियन में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित स्वदेशी प्रशिक्षण विमान-एचटीटी-40 का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने मिशन डेफ स्पेस का शुभारंभ किया और गुजरात में दीसा हवाई पट्टी की आधारशिला रखी।
श्री मोदी ने कहा कि रक्षा प्रदर्शनी 2022 में नये भारत और उसकी क्षमताओं को दिखाया गया है और इसे अमृत काल के समय में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह देश के विकास और राज्यों के सहयोग का संगम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस रक्षा प्रदर्शनी में ताकत और युवाओं के सपने हैं। उन्होंने कहा कि यह मित्र देशों के लिए अवसरों की उम्मीद है।
रक्षा प्रदर्शनी के इस संस्करण की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह ऐसी पहली रक्षा प्रदर्शनी है, जहां केवल भारतीय कंपनियां ही भाग ले रही हैं और इसमें केवल मेक इन इंडिया के उपकरण प्रदर्शित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि लौह पुरूष सरदार पटेल की इस भूमि से हम विश्व के समक्ष भारत की क्षमताओं का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रदर्शनी एक ही मंच पर भारत की क्षमताओं और संभावनाओं को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि चार सौ से अधिक सहमति पत्रों पर पहली बार हस्ताक्षर किये जा रहे हैं।
श्री मोदी ने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि जब भारत अपने सपनों को साकार करने में लगा हुआ है, तभी अफ्रीका के 53 मित्र देश हमारे साथ खडे हैं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर भारत अफ्रीका के बीच दूसरा रक्षा संवाद भी होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अफ्रीका के बीच संबंध समयबद्ध भरोसे पर आधारित हैं और समय के साथ साथ ये संबंध नये आयाम तक पहुंच रहे हैं।
रक्षा प्रदर्शनी के दौरान दूसरा हिन्द महासागर क्षेत्र-आईओआर प्लस सम्मेलन भी होगा। इस सम्मेलन से आईओआर देशों के बीच रक्षा सहयोग बढाने का एक मंच तैयार होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर वैश्विक व्यापार तक समुद्री सुरक्षा वैश्विक प्राथमिकता के रूप में उभरकर सामने आई है। उन्होंने कहा कि भारत से विश्व की उम्मीदें बढी हैं और उन्होंने विश्व समुदाय को ये उम्मीदें पूरा होने का आश्वासन दिया। श्री मोदी ने कहा कि रक्षा प्रदर्शनी भारत के प्रति वैश्विक विश्वास का प्रतीक है।
श्री मोदी ने कहा कि भविष्य में एक मजबूत राष्ट्र के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मिशन डिफेन्स स्पेस न केवल नवाचार को बढावा देगा और भारतीय सशस्त्र बलों को मजबूत करेगा, बल्कि यह नवाचार समाधान भी उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी भारतीय अंतरिक्ष की नई परिभाषा तय कर रही है और नई संभावनाएं तलाश रही है।
भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा उपकरणों की दो सूचियों को अंतिम रूप दिया गया है और इनकी खरीद केवल देश में ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी 101 वस्तुओं की सूची आज जारी की जा रही है। श्री मोदी ने कहा कि ये फैसले आत्मनिर्भर भारत की क्षमताओं को दर्शाते हैं। इसके बाद रक्षा क्षेत्र के 411 ऐसे उपकरण शामिल किये जाएंगे, जिन्हें मेक इन इंडिया के अंतर्गत देश में ही खरीदा जाएगा। (Aabhar Air News)