प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दुनिया आज भारत को बड़ी उम्मीद से देख रही है। ऐसे समय में हमारे कंधों पर विशेष रूप से युवा शक्ति पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। दिल्ली कैंट में करियप्पा परेड ग्राउंड में राष्ट्रीय कैडेट कोर की पीएम रैली को संबोधित करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि इस साल देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और युवा इस तरह के ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनते हैं तो हमें अपनी युवा शक्ति की झलक दिखाई देती है। 2047 में जब हम आजादी के 100 वर्ष पूरे करेंगे तो हम अपने सपनों को साकार होते देखेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं ने स्टार्टअप्स के क्षेत्र में भारत को दुनिया के शीर्ष तीन में पहुंचा दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान 50 से अधिक यूनिकोर्न्स सात हजार पांच सौ करोड़ रुपए की लागत से अस्तित्व में आए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी लोग मिलकर देश की समस्याओं का हल निकाल रहे हैं और राष्ट्र पहले के मंत्र के साथ काम कर रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि जब कोई भारतीय खिलाड़ी किसी प्रतियोगिता में भाग लेता है तो उसके साथ 130 करोड़ भारतीय खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ी केवल पदक के लिए नहीं बल्कि दुनिया में राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए खेलते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान भी, हमारे देश ने वायरस से लड़ने में अपनी अदम्य भावना दिखाई। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई ताकत उस देश को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती, जिसके युवा शक्ति देश को पहले रखते हुए आगे बढ़ते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की बेटियां सैनिक स्कूलों में प्रवेश ले रही हैं और वायु सेना में लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं और प्रयास यह किया जा रहा है कि अधिक से अधिक लड़कियों को एनसीसी में शामिल किया जाए। प्रधानमंत्री ने एनसीसी कैडेटों से आग्रह किया कि वे समाज में बड़ा बदलाव लाने के लिए अपने शहर, जिलों में टीमें बनाएं जिससे पुनीत सागर अभियान को सफलतापूर्वक संचालित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि आज से अगले 25 साल तक हमें अपने राष्ट्र को ध्यान में रखते हुए अपने सभी कार्यों को करना है। श्री मोदी ने कहा कि हमें आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। उन्होंने कहा कि आज डिजिटल क्रांति का जमाना है और इस तकनीक से बड़ी संभावनाएं जुड़ी हैं, वहीं दूसरी तरफ भ्रम फैलाने वाली सूचनाओं के खतरे भी हैं। श्री मोदी ने कहा कि एनसीसी कैडेट लोगों को जागरूक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक कैडेट को नशे की लत से मुक्त होना चाहिए और अपने आस-पास के क्षेत्र को भी इससे मुक्त रखना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि एनसीसी प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए सिद्धांतों से ही प्रधानमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में ताकत मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि वे कभी एनसीसी के सक्रिय कैडेट रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में सरकार ने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक लाख नए कैडेट बनाए हैं।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सलामी गार्ड का निरीक्षण किया। एनसीसी केडिटों के सैन्‍य करतब, स्लिदरिंग, माइक्रोलाइट फ्लाइंग, पैरासेलिंग और सांस्‍कृतिक कार्यक्रम भी देखा। प्रधानमंत्री सर्वश्रेष्‍ठ केडिट को पदक और छड़ी प्रदान किया।
रैली कार्यक्रम एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर का अंतिम दिन होता है जो कि प्रतिवर्ष 28 जनवरी को आयोजित होता है।
  (Aabhar Air News)