पद्मश्री से सम्मानित पंजाबी कवि और लेखक सुरजीत सिंह पातर का 11 मई की सुबह बारेवाल कॉलोनी के पास उनके आवास पर निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। पातर की काव्य रचनाओं में 'हवा विच लिखे हर्फ', 'हनेरे विच सुलगदी वरनमाला', 'पतझर दी पाज़ेब', 'लफ़ज़ान दी दरगाह' और 'सुरज़मीन' शामिल हैं। उन्हें 2012 में पद्मश्री मिला। वह पंजाब कला परिषद के अध्यक्ष थे। डॉ. पातर ने पंजाब कला परिषद, चंडीगढ़ के अध्यक्ष और पहले पंजाबी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष के रूप में सम्मानित पदों पर कार्य किया।